आंबेडकर की जगह भगवान का नाम लेते तो स्वर्ग मिल जाता- अमित शाह
राज्यसभा में संविधान के 75 साल पूरे होने पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि आजकल आंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है। उन्होंने कहा, ‘अभी एक फैशन हो गया है – आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ शाह ने आगे कहा, ‘सौ बार और नाम लीजिए, लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि आपके मन में उनके लिए क्या भावना है?’
मोदी मोदी मोदी के जयकारों से माहौल बना देने वाले वक्त में आंबेडकर का ज़िक्र पार्टी को कहीं न कहीं चुभता तो जरूर होगा। आखिरकार प्रचार और पीआर में पैसा बहाया जाता है।
बाबा साहब और आरएसएस में मतभेद
अगर मौजूदा सरकार के कार्यकाल में उभरे इतिहास को थोड़े समय के लिए वापस ट्रेज़री बेंच पर ही रख दिया जाए तो देखा जा सकता है की सावरकर और आरएसएस को बाबा साहब की संवैधानिक सोच और विचार ज्यादा रास तो नहीं आए। अब जब सत्ता मजबूरी है तो बाबा साहब भी इनके लिए उतने ही जरूरी है जितनी मनुस्मृति की तुलना में संविधान। आपको बता दें कि आज़ाद भारत के पहले कानून मंत्री बाबा साहब अंबेडकर ने महिलाओं को बराबरी का अधिकार देने वाले हिन्दू कोड बिल को जब संसद में पेश किया, तो उनका भारी विरोध हुआ था।
इसका विरोध करने में कांग्रेस का दक्षिणपंथी धड़ा, भारतीय जन संघ, अखिल भारतीय राम राज्य परिषद , हिन्दू महासभा और आरएसएस था। यह बिल महिलाओं को तलाक लेने, संपत्ति में हिस्सा पाने और अंतरजातीय विवाह जैसे आधिकार देता था। साथ ही हिन्दू पुरुषों को एक से ज़्यादा शादी करने से ये वंचित करता था। इतिहासकार रामचन्द्र गुहा के मुताबिक “इस बिल के विपक्ष में सबसे आगे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ था। वर्ष में 1949 में आरएसएस ने दिल्ली में लगभग 79 सभाएं आयोजित की थी, जहां नेहरू और आंबेडकर के पुतले जलाए गए, और नए विधेयक की हिंदू संस्कृति और परंपरा पर हमले के रूप में निंदा की गई।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। इस पर कांग्रेस ने शाह पर बाबा साहब का अपमान करने का आरोप लगाया है, जबकि BJP ने कांग्रेस पर क्लिप्ड वीडियो शेयर करने और घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया है। विपक्ष की भी अपनी ही मजबूरी है। धर्म पर राजनीतिक मनॉपली चुके इस वक़्त में विपक्ष को बाबा साहब और संविधान का ही सहारा था। ऐसे में जब इसका क्रेडिट भी बीजेपी लेने की फिराक में हो तो गुस्सा और विरोध भी लाज़मी है। विपक्षी सांसदों ने संसद में आंबेडकर की तस्वीरें लेकर शाह से माफी की मांग की। आज इस मामले को लेकर संसद में हंगामा भी देखने को मिला। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शाह से इस्तीफा मांगा है।
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