Khan Sir की गिरफ्तारी और नॉर्मलाइजेशन की ख़बर फर्जी – प्रशासन, मामले पर घिरी सरकार
बिहार के पटना में BPSC के पास पहुंचे छात्रों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं। छात्र 70वीं सिविल सेवा परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे थे, तो पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया। इस मामले में शिक्षक खान सर को भी हिरासत में लिया गया था। खान सर ने आयोग और सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा था कि परीक्षा में मात्र एक हफ्ता रह गया है और ऐसे वक्त में चाणक्य की धरती पर छात्रों को धरना देना पड़ रहा है।
क्या है नॉर्मलाइजेशन जिसका विरोध कर रहे छात्र
जब किसी परीक्षा में कैंडिडेट्स की संख्या ज्यादा होती है, तो सुविधा को देखते हुए परीक्षा कई दिनों में और कई शिफ्ट में कराई जाती है। ऐसे में कैंडिडेट्स को प्रश्नपत्र भी अलग-अलग मिलते हैं। सभी शिफ्ट की परीक्षा होने के बाद परीक्षा कराने वाली संस्था हर शिफ्ट में शामिल हुए छात्रों, प्रश्नपत्र की कठिनाई और दूसरे आधार पर छात्रों के नंबर नॉर्मलाइज करती है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि ये नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया सभी छात्रों के लिए फेयर नहीं होती। परीक्षा एक दिन में एक ही शिफ्ट में होनी चाहिए। अभ्यर्थियों की मांग थी कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होना चाहिए। वहीं, उन्होंने वन शिफ्ट-वन पेपर की मांग की है।
आयोग की सफाई
इस मामले पर BPSC की तरफ से जारी पत्र में कहा गया कि न ही भर्ती के विज्ञापन में नॉर्मलाइजेशन का जिक्र है, न ही बाद में कोई नोटिस जारी किया गया। नॉर्मलाइजेशन अपनाए जाने को लेकर भ्रामक खबरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चलाई जा रही हैं। आयोग ने छात्र नेताओं पर ही आरोप लगाया। आयोग ने कहा कि कुछ छात्र नेताओं ने जानबूझकर अभ्यर्थियों को गुमराह करने के लिए अफवाह फैलाई है।
खान सर की गिरफ्तारी की खबरें फर्जी- DSP अनु कुमारी
डीएसपी अनु कुमारी ने बताया कि आज सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर खान ग्लोबल स्टडीज नाम के एक हैंडल से एक तथ्यहीन, भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट किया गया है। इसमें खान सर की रिहाई की मांग की जा रही है। डीएसपी ने कहा कि पटना पुलिस ने खान सर को गिरफ्तार नहीं किया है। पोस्ट में कही गई बातें तथ्यहीन और भड़काऊ हैं। डीएसपी ने कहा कि खान सर खुद गर्दनीबाग थाना आकर वहां उपस्थित मजिस्ट्रेट से मिले और छात्रों को समझाने का आश्वासन दिया। इसके बाद उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें उनकी गाड़ी तक सुरक्षित छोड़ दिया जाए, बाद में उन्हें पुलिस वाहन से अटल पथ के पास सुरक्षित उनकी गाड़ी के पास छोड़ दिया गया। पटना पुलिस उनकी गिरफ्तारी की खबरों का खंडन करती है।
मामले पर राजनीति तेज
इस मामले पर तेजस्वी यादव ने इशारों-इशारों में सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ निशाना साधते हुए कहा है कि “जिनकी राजनीति से रिटायर होने की उम्र है, वो पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं तथा नौकरी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठियां चलवा रहे हैं। नीतीश-बीजेपी सरकार द्वारा अभ्यर्थियों पर जो बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया है, वह असहनीय एवं निंदनीय है। छात्र पढ़ेंगे भी, सिस्टम से भी लड़ेंगे, नौकरी के लिए सत्ता से भी भिड़ेंगे, सरकार की लाठी भी खाएंगे और वोट भी देंगे। पेपरलीक गिरोह तथा कोचिंग माफिया के इशारे पर BPSC कार्य कर रहा है। अगर सरकार की माफिया से सांठ-गांठ नहीं है, तो छात्रों की वाजिब मांगें स्वीकार करने में सरकार को क्या परेशानी है?”
वहीं पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने BPSC के खिलाफ आवाज उठाने के साथ ही सरकार को निशाने पर ले लिया। पप्पू यादव का कहना है कि “हुकूमत की हुक्मरानी तभी तक कायम है, जब तक युवा और छात्र सत्ता का सम्मान करते हैं। अगर उनके हितों पर वार और ऊपर से लाठीचार्ज, तो समझ लो मिट्टी में मिल जाएगी सरकार। बार-बार प्रश्न पत्र लीक, Exam माफिया रैकेट को संरक्षण एवं नॉर्मलाइजेशन जैसे छात्र विरोधी नियम, सत्ता की नीयत पर बड़ा सवाल हैं।”
सत्ता की साख की छीछालेदर होने पर बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू ने सरकार और नीतीश कुमार की शान में कसीदे पढ़ दिए। मंत्री बबलू ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों के हित में काम करते हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमारे छात्र आगे बढ़ रहे हैं, राज्य आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “जब कोई बेहतर काम होता है, तो विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को सीने में दर्द होता है, पेट में दर्द होता है। उनको जनता से कोई मतलब नहीं होता है। जनता बाढ़ में डूबती है, तो वे विदेश घूमते हैं। इनको सिर्फ एक ही काम है, अच्छे काम पर उंगली उठाना और आरोप लगाना।”
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